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याद है मुझे

आज भी जब  देखती हूँ ,
किसी को अपने पिता  के साथ ,
तब जाने क्यों आती है ?
मुझे आपकी याद।
कई बार तो जब कोई अजनबी ,
आपकी कद-काठी का ,
मोटरसाइकिल पर सवार ,
धीरे -धीरे उसे चलाता ,
हैलमेट के साथ ,
और मानता है  सारे ट्रैफिक नियम ,
 भ्रम होता है मुझे की आप ही है ,
और याद आ  जाते है आप।
 जब भी मुझे मेरे अधूरे सपने ,
पूरे  होते हुए दीखते है ,
ऐसा लगता है  मैने ,
थोड़ा  ही सही कुछ पाया है।
 आप ठहराते थे गलत,
हर बात पर  मुझे वो भी  याद है।
 लगता है की कही से भी  बार ,
मै ला सकूँ वापस ,
 और  कह सकूँ  की मुझे,
 आपसे कोई शिकायत नहीं है।
काश ! मै आपको बता  पाती ,
कि  मुझे केवल बहस करना ही नहीं ,
 आपसे प्यार करना भी आता है।
कई बार जब कठिन  होती है राह ,
तब  काम आतें है मेरे ,
 आपके दिए हुए विचार ,
तब  लगता है मुझे,
कि बचपन तो बचपन ही होता है,
और  उसे  अच्छी जवानी बनाने  के लिए ,
वह   सब कितना जरूरी होता है,
जो आप करते थे।
शायद आप  जानते थे ,
की  यहाँ आपको ज्यादा नहीं  रहना है।
इसीलिए  कभी आपने मुझे ,
अपना सहारा नहीं थमाया ,
 हर बार मुझे आगे करके ,
आत्मनिर्भर बनाना  चाहते थे।
मेरे फेल होने  गारंटी देना,
और प्रथम श्रेणी  पर ,
घर में बिना बताये  ही,
ऑफिस में लडडू बाँटना ,
हो सकता है की ,
यह भी कोई  तरीका हो ,
आपका मुझ  पर प्यार जताने का।
 




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