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याद है मुझे

आज भी जब  देखती हूँ , किसी को अपने पिता  के साथ , तब जाने क्यों आती है ? मुझे आपकी याद। कई बार तो जब कोई अजनबी , आपकी कद-काठी का , मोटरसाइकिल पर सवार , धीरे -धीरे उसे चलाता , हैलमेट के साथ , और मानता है  सारे ट्रैफिक नियम ,  भ्रम होता है मुझे की आप ही है , और याद आ  जाते है आप।  जब भी मुझे मेरे अधूरे सपने , पूरे  होते हुए दीखते है , ऐसा लगता है  मैने , थोड़ा  ही सही कुछ पाया है।  आप ठहराते थे गलत, हर बात पर  मुझे वो भी  याद है।  लगता है की कही से भी  बार , मै ला सकूँ वापस ,  और  कह सकूँ  की मुझे,  आपसे कोई शिकायत नहीं है। काश ! मै आपको बता  पाती , कि  मुझे केवल बहस करना ही नहीं ,  आपसे प्यार करना भी आता है। कई बार जब कठिन  होती है राह , तब  काम आतें है मेरे ,  आपके दिए हुए विचार , तब  लगता है मुझे, कि बचपन तो बचपन ही होता है, और  उसे  अच्छी जवानी बनाने  के लिए , वह   सब कितना जरूरी होता है, जो आप करते थे। शायद आप  जानते थे , की  यहाँ आपको ज्यादा नहीं  रहना है। इसीलिए  कभी आपने मुझे , अपना सहारा नहीं थमाया ,  हर बार मुझे आगे करके , आत्मनिर्भर बन

क्यों न करूँ एक चाह

जाने क्यों हर बात बुरी लगती है, ये दिन तो चाहे कितने अच्छे है , लोग भी कोई कम नहीं है भले, पर मुझे इनकी हर बात बुरी लगती है. सारे मौसमों में बारिश  भली, फूलों से भरे चमन का मौसम , चाहे खिले हो हर दिल , मुझे तो हर एक हंसी खलती है। दिल में एक सुकून की है तलाश , राह  दिखती नहीं कोई , तो मंजिल की आस टूटती है. किसी के दिल में बसे  नहीं तो क्या, नहीं मिला कोई जुनूं  तो क्या, हर आती  साँस के साथ , दबी-दबी उम्मीद जगती है. लिखे तो खत भी कई  मैंने, कई बार इंतजार किया , पर ज़वाब न आये तो क्या , मेरी तमाम उम्र बाकी है. …… हर एक घड़ी जो गुजरती है, मेरे दिल में उम्मीद भरती है  , किसी रोज तो वो भी समझेगे, कि जो ये हम पे रोज  गुजरती है।