दिल करता है कि रूठ जाउं,
मनाए कोर्इ बार-बार मुझे,
मैं झगडती रहूं और,
प्यार से समझाए कोर्इ,
मेरी हर जिद जिसे,
मासूमियत सी नजर आए,
मेरा हर बार नजर फेरना,
और उसे गुस्सा न आए,
हर बार प्यार से पास आए,
मैं जाउं भले ही दूर,
वो बस पास ही पास आए,
मैं न बोलूं तो,
उसका दिल थम जाए,
मेरे कहने से पहले ही,
हर बात समझ जाए जो,
ऐसा कोर्इ मिल जाए,
तो जिंदगी हर पल,
कीमती सौगात बन जाए,
हर एक मुसीबत भी,
तब फूलों का हार बन जाए।
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