हम लाये हैं तूफान से किस्ती निकाल के .........इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के ........गीत की पंक्तियाँ तो बड़ी मधुर है पर इनका असली मकसद शायद किसी की भी समझ में नहीं आया है.भाई जब देश का बचपन ही अनपढ़ और काम के बोझ से दबा होगा तो भविष्य की कल्पना करना ही बेकार है . इसमे सरकार का भी क्या दोष .उनका काम तो योजनाये बनाना है . उनका लाभ इन बच्चो को मिले इसके लिए इनके अभिवावकों और समाज को जागरूक होना पड़ेगा.आइए हम सब इस मुहीम में शामिल हो जाये .....................
कौन कहता है कि प्यार, सिर्फ एक बार होता है। ये तो इक एहसास है जो, बार-बार होता है। इसके लिए कोई सरहद कैसी, ये तो बेख्तियार होता है, कब कौन कैसे, भला लगने लगे, खुद अपना अख्तियार, कहां होता है? प्यार में शर्त बंधी हो जो, तो भला ये प्यार कहां होता है। शर्तो में बंधने वाले , बावफा-बेवफा में अंतर, कहां बस एक बार होता है, वफा करना या नहीं करना, प्यार बस बेहिसाब कर लेना, बेवफाई में ही हमारी, जान बस तुम निसार कर लेना।
शिखा,
जवाब देंहटाएंबच्चों के प्रति इस संवेदना के लिये आप बधाई की पात्र हैं।काश! ये हमारे तथाकथित नेता भी कभी देखते.......