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क्या यही है देश का भविष्य?

हम लाये हैं तूफान से किस्ती निकाल के .........इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के ........गीत की पंक्तियाँ तो बड़ी मधुर है पर इनका असली मकसद शायद किसी की भी समझ में नहीं आया है.भाई जब देश का बचपन ही अनपढ़ और काम के बोझ से दबा होगा तो भविष्य की कल्पना करना ही बेकार है . इसमे सरकार का भी क्या दोष .उनका काम तो योजनाये बनाना है . उनका लाभ इन बच्चो को मिले इसके लिए इनके अभिवावकों और समाज को जागरूक होना पड़ेगा.आइए हम सब इस मुहीम में शामिल हो जाये .....................

टिप्पणियाँ

  1. शिखा,
    बच्चों के प्रति इस संवेदना के लिये आप बधाई की पात्र हैं।काश! ये हमारे तथाकथित नेता भी कभी देखते.......

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