आखिर ढूलन भाई ग्रेज़ुएट हो ही गये. आठ सालों की मेहनत का फल मिल गया. गाजे-बाजे के साथ जश्न मनाया जा रहा था.लड्डू और बर्फी का दौर चल रहा था.
पिछले आठ सालो से एक अदद दुल्हन का इंतजार कर रहे ढूलन भाई को इस बार फेरे पड़ने की पूरी उम्मीद थी.शाम को लड़की वाले घर आ रहे थे.
उन्हें बहुत खुश देखकर आखिर गुप्ता जी ने पूछ ही लिया .
क्या बात है ढूलन आज तो चेहरा बड़ा ही चमक रहा है ? लगता है पास होने के आलावा भी कोई खास बात है.
ढूलन भाई शर्मा गये. शरमाते हुए उन्होंने गुप्ता जी को राजे-दिल बता ही दिया .
गुप्ता जी ने उन्हें शाम के लिए कुछ खास टिप्स दिए .
और तो सभी सामान्य ही थे पर उनमे से एक बड़ा ही अनोखा था.
गुप्ता जी ने उनसे शहर की एक नामी सिविल सर्विसेस की कोचिंग ज्वाएन करने को कहा.
ढूलन जी ने कारण पुछा तो गुप्ता जी का जवाब था .
भाई,आईएस दूल्हे के दाम बड़े अच्छे मिलते है.
अच्छी दुल्हन और अच्छा दहेज़ की गारंटी है आईएस की तैयारी.
ढूलन भाई तो आईएस का फुल फॉर्म भी नहीं जानते थे सोच में पड़ गये.
गुप्ता जी ने उनकी मुश्किल हल की .
बोले ,अरे!ढूलन फिकर मत कर आईएस बनना नहीं है केवल कोचिंग जाना है,इतना ही काफी है.
अब ढूलन भाई की आखों में आईएस की कोचिंग और सुन्दर सी दुल्हन के सपने तैर रहे थे.
पिछले आठ सालो से एक अदद दुल्हन का इंतजार कर रहे ढूलन भाई को इस बार फेरे पड़ने की पूरी उम्मीद थी.शाम को लड़की वाले घर आ रहे थे.
उन्हें बहुत खुश देखकर आखिर गुप्ता जी ने पूछ ही लिया .
क्या बात है ढूलन आज तो चेहरा बड़ा ही चमक रहा है ? लगता है पास होने के आलावा भी कोई खास बात है.
ढूलन भाई शर्मा गये. शरमाते हुए उन्होंने गुप्ता जी को राजे-दिल बता ही दिया .
गुप्ता जी ने उन्हें शाम के लिए कुछ खास टिप्स दिए .
और तो सभी सामान्य ही थे पर उनमे से एक बड़ा ही अनोखा था.
गुप्ता जी ने उनसे शहर की एक नामी सिविल सर्विसेस की कोचिंग ज्वाएन करने को कहा.
ढूलन जी ने कारण पुछा तो गुप्ता जी का जवाब था .
भाई,आईएस दूल्हे के दाम बड़े अच्छे मिलते है.
अच्छी दुल्हन और अच्छा दहेज़ की गारंटी है आईएस की तैयारी.
ढूलन भाई तो आईएस का फुल फॉर्म भी नहीं जानते थे सोच में पड़ गये.
गुप्ता जी ने उनकी मुश्किल हल की .
बोले ,अरे!ढूलन फिकर मत कर आईएस बनना नहीं है केवल कोचिंग जाना है,इतना ही काफी है.
अब ढूलन भाई की आखों में आईएस की कोचिंग और सुन्दर सी दुल्हन के सपने तैर रहे थे.
एक हलके-फुल्के हास्य ने होठों पर मुस्कराहट तो दी.
जवाब देंहटाएं- विजय
shaandar post...... samaaj ke chritr ko ek chhote post ke maadhyam se bahut hi achchhi tarike se prastut kar diya...really great work.....
जवाब देंहटाएंunfortunately i am also on the road of dhullan bhaai...
शिखा जी,
जवाब देंहटाएंअच्छा हास्य ,शब्दों का चयन उत्तम ।
पिछले पोस्ट में बालश्रम के फोटो भी बढिया हैं
।
वर्तमान में कहां काम कर रही हैं आप ?
हमारी पत्रिका "खास बात" में लिखने के लिये हमें जुझारू पत्रकारों की आवश्यकता है, यदि उचित समझें तो सम्पर्क करें -
पुनीत निगम
सम्पादक - खास बात
117/137 ओ ब्लाक गीतानगर
कानपुर । मो0 09839067621
शिखा,
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना!कई जगह ऐसा होता भी है.....