उम्मीदों के पार,
एक सुंदर जहाँ है।
जहा सदा बसती है,
शान्ति और समरधि,
नही वहां नही मिलता,
पैसा और यश।
वहां तो बस ,
और खुशी है।
वहां मुक्ति मिल जाती है,
दुनियावी बातो से।
वहां नही है कोई तमाशा,
हँसी और आंसुओ का।
वहा है जोश और उत्साह,
आत्मनियंत्रण और सादगी।
vilakchanta और soundrya,
dhyan, karm और prakash।
काश मिल जाए कोई ,
ऐसा खुला आकाश ।
और पहुच जाए हम
उम्मीदों के पार ।
एक सुंदर जहाँ है।
जहा सदा बसती है,
शान्ति और समरधि,
नही वहां नही मिलता,
पैसा और यश।
वहां तो बस ,
और खुशी है।
वहां मुक्ति मिल जाती है,
दुनियावी बातो से।
वहां नही है कोई तमाशा,
हँसी और आंसुओ का।
वहा है जोश और उत्साह,
आत्मनियंत्रण और सादगी।
vilakchanta और soundrya,
dhyan, karm और prakash।
काश मिल जाए कोई ,
ऐसा खुला आकाश ।
और पहुच जाए हम
उम्मीदों के पार ।
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