न मांगी जिन्दगी हमने, न फूलों का कोई रास्ता, न चांदनी की रात और, न ही बहारो की कोई सुबह, हर बार किस्मत ने दिया, वो मान लिया दिल से, न कोई शिकायत की, न कोई गिला किया, दिल में छुपाया वो , जो भी दिल में था, एक पल को भी दर्द , चेहरे पर आने न दिया, जिए ऐसे दिलवाले की, ज़माने को भी, झुका कर पीछे किया . और अब तो ख्वाहिश है कि , जिन्दगी यूं ही कट जाये , कोए भी शिकायत आये तो , मरने के बाद आये.
कुछ कही सी, कुछ अनकही.................